मेरे पाँव में घुँघरू बांध दो
मैं नच नच जाऊं खाटूधाम
मीरा जैसे हो गयी दीवानी
लोग कहे मुझे पगली सरे आम
|| जय श्री श्याम ||
शोभा तेरे रूप की बाबा,
देख नाचे मन की मोर।
इत देखू, उत देखू, देखू चारों ओर,
तेरे जैसा बाबा न कोई और।
।। जय श्री श्याम।।
हर मंजर में मैं पाऊं तुम्हे
कैसे कहूँ श्याम कितना चाहूं तुम्हें
बस तुमसे ही है ये जिन्दगी मेरी
यूं ही कैसे भूल जाऊं तुम्हें
।। जय श्री श्याम।।