भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी जिन्हें शायद ही कोई शख्स होगा जो नहीं जानता होगा..आज भी कहीं बातें पक्ष विपक्ष के लोग खासकर लेखक अमल करते हैं। वाजपेयी जी ने की कविताएं लोग बहुत पसंद करते हैं। हम पोस्ट में वही पेश कर रहें हैं। वायपेयी जी की बेहतरीन कविता आज़ादी का दिन मना- अटल बिहारी वाजपेयी । Aazadi Ka Din Mana - Atal Bihari Vajpayee
आज़ादी का दिन मना,
नई ग़ुलामी बीच;
सूखी धरती, सूना अंबर,
मन-आंगन में कीच;
मन-आंगम में कीच,
कमल सारे मुरझाए;
एक-एक कर बुझे दीप,
अंधियारे छाए;
कह क़ैदी कबिराय
न अपना छोटा जी कर;
चीर निशा का वक्ष
पुनः चमकेगा दिनकर।