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समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से - Dhoka Shayari,Breakup Shayari


समेट कर ले जाओ
अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर
इनकी ज़रूरत पड़ेगी


 

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