पतझड़ मेंसिर्फ पत्ते गिरते हैं,नजरों से गिरने काकोई मौसम नहीं होता ।
नजरों से गिरने का - Najro Se Girna Shayari, Patjhar, Patte, Mausam
February 29, 2020
Ravindar Nagar
February 29, 2020
पतझड़ मेंसिर्फ पत्ते गिरते हैं,नजरों से गिरने काकोई मौसम नहीं होता ।
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