किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नहीं,
बिन बुलाए मेहमान बनना मेरी आदत नहीं ।
मैं अपने गम में रहता हूं नवाबों की तरह,
पराई खुशी के पास जाना मेरी आदत नहीं ।
सबको हंसता ही देखता चाहता हूं मैं...
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं ।
बांटना चाहता हूं तो बस प्यार और मोहब्बत,
यूं नफरत फैलाना मेरी आदत नहीं ।
जिंदगी मिट जाए किसी के खातिर गम नहीं,
कोई बद्दुआ दे मरने की, यूं जीना मेरी आदत नहीं ।
सबसे दोस्त की हैसीयत से बोल लेता हूं,
किसी का दिल दुखा दूं मेरी आदत नहीं ।
दोस्ती होती है दो दिलों के चाहने पर,
जबरदस्ती दोस्ती करना मेरी आदत नहीं ।
Social Plugin